मैं हिंदी का विद्यार्थी हूँ युगवाणी शब्द की प्रेरणा भी मुझे छायावाद के प्रमुख स्तंभ कवि सुमित्रानंदन पंत की रचना युगवाणी से मिली। सुमित्रानंदन की इस रचना का प्रकाशन सन 1939 में हुआ तथा यह रचना पंत जी का पांचवा काव्य संकलन है उन्हीं की कुछ विचारधारा से प्रेरित है "युगवाणी टाइम्स"
आज के समय में डिजिटल मीडिया इतनी तेजी से आगे बढ़ रहा है उसी को ध्यान में रखते हुए युगवाणी ने एक कदम डिजिटल मीडिया की ओर रखा । देश में पत्रकारिता को नया आयाम देने वाली डिजिटल मीडिया में उसका नाम अग्रणी है अपनी विशेष शैली सहज भाषा, तेज तरार खबरों के प्रस्तुत करने से देश का लोकप्रिय न्यूज पोर्टल बना दिया है वह कुछ ही समय में पोर्टल अच्छी पकड़ ली है एक ऐसा पोर्टल है जो अपने दर्शकों को सबसे पहले जागरूक.करता है साथ ही हिंदी साहित्य के विद्यार्थियों को विशेष प्रकार की जानकारी देने के साथ लिखने के लिए भी प्रेरित करता है ।